बच्चा
ये बच्चा कैसा होता है
कहीं भी,कभी भी,
किसी परसि्थति मे
अपना खेल ढूढ ही लेता है
वह पहचानता है
अपने साथियों को
अपनो परिवार वालों को
खाने को कुछ भी दिखे
अच्छा-बुरा
खा तो लेता ही है ,
थोड़ा शरारती,थोड़ा जिद्दी
थोड़ा नटखटी भी हो ही जाता है
वह मन का सच्चा पर
अक्ल का थोड़ा कच्चा है,
पर दिल का साफ भी होता है
इसलिए,
हम कहते है,
हमारा  चहेता
बच्चा तो होता ही है


0/Post a Comment/Comments

Stay Conneted

Domain